पिछले कुछ सालों में मीडिया में डिप्रेशन पर ज्यादा खुल कर चर्चा होने लगी है, खास-तौर से दीपिका पादुकोण और करण जौहर जैसी मशहूर हस्तियों के अनुभव सुनकर. पर डिप्रेशन के एक पहलू पर अब भी चर्चा कम है — डिप्रेशन का अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से सम्बन्ध.
रिसर्च के अनुसार डिप्रेशन (अवसाद) और डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के बीच में सम्बन्ध है. यह पाया गया है कि जिन लोगों में डिप्रेशन है, उनमें (आम व्यक्तियों के मुकाबले) डिमेंशिया ज्यादा देखा जाता है. इस पोस्ट में:
डिप्रेशन के बारे में
कई लोग किसी बुरी घटना के बाद हुई उदासी या निराशा के लिए “डिप्रेशन” शब्द का इस्तेमाल करते हैं. पर बुरी घटनाओं से उदास होना एक सामान्य प्रक्रिया है. चिकित्सीय (मेडिकल) भाषा में “डिप्रेशन (अवसाद)” एक ऐसा मानसिक विकार है जिस में उदासी, निराश, अरुचि जैसी भावनाएं कम से कम दो हफ्ते से मौजूद हैं, और जिन के कारण व्यक्ति के जीवन में बाधा होती है. इस में इलाज की जरूरत है.
डिप्रेशन (अवसाद) किसी को भी हो सकता है. डिप्रेशन में व्यक्ति उदास रहते हैं, पसंद वाली गतिविधियों में रुचि खो देते हैं, ठीक से सो नहीं पाते, ठीक से खा नहीं पाते, और थके-थके रहते हैं. उन्हें ध्यान लगाने में दिक्कत होती है. सोच नकारात्मक हो जाती है. किसी भी काम में आनंद नहीं आता. वे खुद को दोषी समझते हैं. आत्मविश्वास कम हो जाता है. रोज के साधारण काम करने का मन नहीं होता. वे सामाजिक और व्यवसाय संबंधी काम भी नहीं करना चाहते. कुछ डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति इतने निराश हो जाते हैं कि आत्महत्या करना चाहते हैं.
डिप्रेशन का प्रकरण (depressive episode, डिप्रेसिव एपिसोड) कम से कम दो हफ्ते लम्बे होता है, पर अधिक लंबा भी हो सकता है. व्यक्ति को ऐसे एपिसोड बार-बार हो सकते हैं.
डिप्रेशन के लिए इलाज उपलब्ध हैं, जैसे कि अवसाद-निरोधी दवा और अनेक प्रकार की थैरेपी और गैर-दवा वाले उपचार. और अगर डिप्रेशन किसी अन्य बीमारी के कारण हुआ है (जैसे कि थाइरोइड हॉर्मोन की कमी), तो उस बीमारी को ठीक करने से डिप्रेशन दूर हो सकता है. उचित उपचार और जीवन शैली में बदलाव से अधिकाँश लोगों को डिप्रेशन से आराम मिल पाता है और वे सामान्य जीवन बिता पाते हैं.
(डिप्रेशन पर हिंदी में कुछ और जानकारी के लिए नीचे “अधिक जानकारी के लिए रेफेरेंस और उपयोगी संसाधन” में लिंक हैं)
डिमेंशिया के बारे में
डिमेंशिया एक ऐसा लक्षणों का समूह है जिस में व्यक्ति की याददाश्त में, सोचने-समझने और तर्क करने की क्षमता में, व्यक्तित्व, मनोभाव (मूड) और व्यवहार में, बोलने में, और अनेक अन्य मस्तिष्क से संबंधी कामों में दिक्कत होती है. इन लक्षणों के कारण व्यक्ति को दैनिक कार्यों में दिक्कत होती है, और यह दिक्कत समय के साथ बढ़ती जाती है. व्यक्ति अकेले अपने काम नहीं कर पाते. दूसरों पर निर्भरता बढ़ती जाती है.
डिमेंशिया किसी को भी हो सकता है, पर बड़ी उम्र के लोगों में ज्यादा पाया जाता है. ध्यान रखें, डिमेंशिया उम्र बढ़ने की सामान्य प्रक्रिया नहीं है. यह मस्तिष्क में हुई हानि के कारण होता है—जैसे कि मस्तिष्क के सेल का नष्ट होना, सेल के बीच के कनेक्शन में नुकसान, और मस्तिष्क का सिकुड़ना. ऐसे कई रोग हैं जिन में मस्तिष्क में इस तरह की हानि हो सकती है. चार रोग मुख्य हैं: अल्ज़ाइमर रोग, संवहनी डिमेंशिया, लुइ बॉडी डिमेंशिया, और फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया. अब तक ऐसी कोई दवा उपलब्ध नहीं है जिस से मस्तिष्क की हानि ठीक हो सके. डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति फिर से सामान्य नहीं हो सकते. डिमेंशिया के अंतिम चरण तक पहुँचते-पहुँचते व्यक्ति पूरी तरह निष्क्रिय और निर्भर हो जाते हैं.
(डिमेंशिया पर हिंदी में विस्तृत जानकारी के लिए नीचे “अधिक जानकारी के लिए रेफेरेंस और उपयोगी संसाधन” में लिंक हैं)
डिप्रेशन और डिमेंशिया के बीच का सम्बन्ध
रिसर्च से यह तो पता चल पाया है कि डिमेंशिया और डिप्रेशन में सम्बन्ध है, पर यह सम्बन्ध क्या है, इस पर अभी पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है. शोध जारी है. अब तक के रिसर्च के आधार पर विशेषज्ञ मानते हैं कि डिमेंशिया और डिप्रेशन के बीच कई तरह के सम्बन्ध हैं.
डिप्रेशन डिमेंशिया का एक कारक माना जाता है. डिप्रेशन वाले व्यक्ति में डिमेंशिया होने से संभावना ज्यादा है. कुछ विशेषज्ञों की राय है कि यह इस लिए है क्योंकि डिप्रेशन में मस्तिष्क में कई बदलाव होते हैं, और संवहनी समस्याएँ (नाड़ी संबंधी समस्याएँ) भी हो सकती हैं, और इन बदलाव के कारण डिमेंशिया की संभावना ज्यादा होती है. सब डिप्रेशन वाले लोगों को डिमेंशिया नहीं होगा, पर उन में डिमेंशिया की संभावना दूसरों के मुकाबले ज्यादा है.
डिप्रेशन को डिमेंशिया के एक लक्षण के रूप में पहचाना गया है. यह सबसे पहले प्रकट होने वाले लक्षणों में भी शामिल हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार डिमेंशिया में हुए मस्तिष्क में बदलाव के कारण जो लक्षण होते हैं, उनमें से डिप्रेशन भी एक संभव लक्षण है. यानी कि, डिमेंशिया का एक संभव नतीजा है डिप्रेशन, और हम डिमेंशिया को डिप्रेशन का कारक समझ सकते हैं
अन्य प्रकार के सम्बन्ध: डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को कई दिक्कतें होती हैं और व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं बिता पाते. व्यक्ति अपनी कम हो रही कार्यक्षमता से बहुत मायूस हो सकते हैं, और नतीजन उन्हें डिप्रेशन हो सकता है. डिप्रेशन और डिमेंशिया के बीच अन्य प्रकार के सम्बन्ध भी संभव हैं, जिन में किसी दूसरी ही वजह से डिप्रेशन और डिमेंशिया साथ साथ नजर आ रहे हैं (सह-विद्यमान हैं, co-existing).
कोशिश करें कि डिप्रेशन के प्रति सतर्क रहें, खासकर बड़ी उम्र के लोगों में
डिप्रेशन का व्यक्ति पर बहुत गंभीर असर पड़ता है, इस लिए इस के प्रति सतर्क रहना और सही निदान और उपचार पाना जरूरी है. पर समाज में जागरूकता कम होने के कारण लोग अक्सर इसे पहचान नहीं पाते और डॉक्टर की सलाह नहीं लेते.
वृद्ध लोगों में सही निदान की समस्या अधिक है, क्योंकि डिप्रेशन के लक्षण देखने पर परिवार वाले सोचते हैं कि व्यक्ति रिटायर हो चुके हैं या बूढ़े हैं इस लिए गुमसुम रहते हैं और गतिविधियों में भाग नहीं लेते.
डिप्रेशन के प्रति सतर्क रहने के और जल्द-से-जल्द डॉक्टर से संपर्क करने के कई फायदे हैं:
- यदि व्यक्ति को डिप्रेशन है, तो उपचार से फायदा हो सकता है. डिप्रेशन का इलाज संभव है, तो व्यक्ति व्यर्थ में तकलीफ क्यों सहे!
- डिप्रेशन को पहचानने से और उचित इलाज से डिमेंशिया की संभावना कम करी जा सकती है. बड़ी उम्र के लोगों में डिप्रेशन और डिमेंशिया का सम्बन्ध खास तौर से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि डिमेंशिया का खतरा वृद्धों में ज्यादा होता है. यदि पता हो कि व्यक्ति को डिप्रेशन है तो डॉक्टर और परिवार वाले व्यक्ति में डिमेंशिया के लक्षण के लिए ज्यादा सतर्क रह सकते हैं
- यदि व्यक्ति को डिप्रेशन और डिमेंशिया दोनों हैं, तो डॉक्टर डिप्रेशन के उपचार के अलावा डिमेंशिया का रोग-निदान भी कर पायेंगे, और डिमेंशिया के बारे में जानकारी और सलाह भी दे पायेंगे. परिवार वाले भी व्यक्ति की स्थिति ज्यादा अच्छी तरह समझ सकते हैं और देखभाल के लिए सही इंतजाम कर सकते हैं
- डिप्रेशन का सम्बन्ध अन्य भी कुछ बीमारियों से है, जैसे कि हृदय रोग. इस लिए डिप्रेशन के रोग-निदान और इलाज से दूसरे स्वास्थ्य-संबंधी फायदे भी हैं.
अधिक जानकारी के लिए रेफेरेंस और उपयोगी संसाधन
- डिप्रेशन पर हिंदी में अधिक जानकारी के लिए यह पृष्ठ देखें: अवसाद (डिप्रेशन)
- डिमेंशिया पर हिंदी में अधिक जानकारी के लिए यह विस्तृत वेबसाईट देखें: http://dementiahindi.com/ , ख़ास तौर से पृष्ठ डिमेंशिया क्या है (What is dementia) और निदान, उपचार, बचाव (Dementia Diagnosis, Treatment, Prevention)
- डिमेंशिया के रिस्क फैक्टर पर विस्तृत चर्चा इस अंग्रज़ी रिपोर्ट में (डिप्रेशन और डिमेंशिया के सम्बन्ध के लिए चैप्टर 3 देखें World Alzheimer Report 2014–Dementia and Risk Reduction: An analysis of protective and modifiable factors (PDF File)
- डिप्रेशन और हृदय रोग के सम्बन्ध पर इस अंग्रेजी पृष्ठ को देखें : Depression and Heart Disease
डिमेंशिया से सम्बंधित अन्य रोगों पर हिंदी में विस्तृत पृष्ट देखें:
- स्ट्रोक (आघात) और डिमेंशिया (मनोभ्रंश) (Stroke and Dementia).
- पार्किंसन रोग और डिमेंशिया (Parkinson’s Disease and Dementia).
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