डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के शुरू के लक्षण मंद होते हैं, पर आगे जाकर व्यक्ति में कई गंभीर और चिंताजनक लक्षण नजर आते हैं, जिन का डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति के जीवन के हरेक पहलू पर असर होता है. अंतिम चरण में तो व्यक्ति अकसर बिस्तर पर ही होते हैं और हर काम के लिए निर्भर होते हैं.
डिमेंशिया/ अल्ज़ाइमर की गंभीरता पहचानने वाले अकसर पूछते हैं कि यह किसे होता है, क्यों होता है, और हम इससे कैसे बच सकते हैं. डिमेंशिया के लक्षण अनेक रोगों से पैदा हो सकते हैं (अल्ज़ाइमर इन में मुख्य है). अब तक वैज्ञानिकों को डिमेंशिया का कोई पक्का कारण नहीं पता, और न ही उन्हें इस से बचने का कोई पक्का तरीका मालूम है, पर हम डिमेंशिया के जोखिम कारकों को जानते हैं. और हम अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करके अपनी डिमेंशिया की संभावना को कम कर सकते हैं.
इस हिंदी प्रेजेंटेशन में देखिये डिमेंशिया किसे हो सकता है, इस के जोखिम कारक क्या हैं, और आप इस की संभावना कम करने के लिए क्या कर सकते हैं. यह प्रस्तुति अब तक के शोध पर आधारित है और इस में अनेक ऐसे कारगर उपाय हैं, जिन से डिमेंशिया की संभावना के साथ-साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं की संभावना भी कम होगी. इस प्रेजेंटेशन में उदाहरण और चित्र भी हैं.
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