डिमेंशिया को कभी कभी “भूलने की बीमारी” का लेबल दिया जाता है. इस लेबल से सुनने वाले यह समझ बैठते हैं कि डिमेंशिया का एक-मात्र लक्षण है स्मृति लोप. वे सोचते हैं कि व्यक्ति की याददाश्त बिलकुल ही खराब हो जायेगी या शायद पुरानी यादें पूरी तरह गायब हो जायेंगे. या लोग यह सोचते हैं कि भूलने की प्रॉब्लम तो बढ़ती उम्र में सबको होती है, डिमेंशिया में शायद कुछ ज्यादा होती होगी–दिन में एक बार चाबी खोने की बजाय व्यक्ति दो-तीन बार खो देते होंगे. या शायद कुछ लोगों को यह डर होने लगता है कि अगर वे कुछ भी भूलें तो उन्हें डिमेंशिया हो गया है.
इस पोस्ट में देखें कि डिमेंशिया को “भूलने की बीमारी कहना कितना सही है, और इससे किस तरह की गलत धारणाएं पैदा हो सकती हैं.
अल्ज़ाइमर प्रकार के डिमेंशिया में याददाश्त की समस्या शुरू की अवस्था का एक महत्वपूर्ण लक्षण है: (Memory problems are an initial, characteristic symptom of Alzheimer’s Disease) डिमेंशिया के लक्षण अनेक रोगों के कारण हो सकते हैं, जैसे कि अल्जाइमर रोग (एल्ज़ाइमर्ज़, Alzheimer’s Disease), फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (FTD, fronto-temporal dementia), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia), संवहनी मनोभ्रंश (नाड़ी-सम्बंधी डिमेंशिया, वास्कुलर डिमेंशिया Vascular dementia), इत्यादि. डिमेंशिया पैदा करने वाले रोगों में शुरू में दिखाई देने वाले लक्षण भिन्न भिन्न हैं. डिमेंशिया का सबसे आम कारण है अल्जाइमर रोग, और इसमें भूलने की प्रॉब्लम एक प्रारंभिक और प्रमुख लक्षण होता है. इसे कई लोग अल्ज़ाइमर का एक प्रतिनिधिक लक्षण समझते हैं.
ऐसे कई प्रकार के डिमेंशिया हैं जिनमें शुरू में भूलने का लक्षण प्रमुख नहीं होता: (Memory problems are not necessarily an initial symptom in some forms of dementia) कुछ किस्म के डिमेंशिया में भूलने की समस्या प्रारंभिक अवस्था में प्रमुख न हो या शायद नज़र ही न आये. उदाहरण के तौर पर, संवहनी डिमेंशिया में शुरूआती लक्षणों में अक्सर भूलने की समस्या इतनी ज्यादा नहीं होती जितनी की शारीरिक कमजोरी और मनोदशा (मूड) में अस्थिरता/ उतार-चढ़ाव(mood fluctuations). एक अन्य डिमेंशिया, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया में शुरू में याददाश्त पर असर नहीं होता–इसमें शुरू के आम लक्षण हैं व्यक्तित्व का बदलना, मूड अस्थिरता, भाषा-संबंधी दिक्कतें, अशिष्ट व्यवहार, अंतर्बाधा खो देना (disinhibition).
डिमेंशिया में भूलने के अलावा भी अनेक लक्षण हैं जो गंभीर हैं और जिनसे व्यक्ति को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है: (Apart from memory problems, there are many other, very serious symptoms of dementia that cause great difficulties to persons with dementia) डिमेंशिया को भूलने की बीमारी कहने से लगता है कि डिमेंशिया में सिर्फ पुरानी बातें भूलने की समस्या हैं, बाकी सब ठीक-ठाक है. यह धारणा गलत है. डिमेंशिया के कई गंभीर लक्षण हैं–भूलना उनमें से सिर्फ एक है. हो सकता है कि व्यक्ति को समय और स्थान का बोध नहीं रहे, हिसाब करने में दिक्कत होने लगे, कुछ भी प्लॉन करने में दिक्कत होने लगे, सामान्य दैनिक कार्य मुश्किल हो जाएँ, चीज़ों को पहचानने और इस्तेमाल करने में कठिनाई होने लगे, बात करते हुए सही शब्द नहीं सूझें, दूसरों की बात समझने और याद रखने में दिक्कत हो. चरित्र और व्यवहार भी काफी बदल सकता है. व्यक्ति को अवसाद हो सकता है, ये वे बिना किसी स्पष्ट कारण के उत्तेजित हो सकते हैं, वगैरह. डिमेंशिया की अंतिम अवस्था में व्यक्ति औरों पर पूरी तरह निर्भर हो जाते हैं, और शय्याग्रस्त (bedridden) हो जाते हैं. “भूलने की बीमारी” के लेबल के इस्तेमाल से इन अन्य गंभीर समस्याओं का अंदाज़ा नहीं हो पाता.
भूलने के कई कारण हो सकते हैं–सब भूलने की जड़ डिमेंशिया नहीं है: (Not all memory loss is dementia) यह तो जांच से ही पता चलेगा कि भूलना किस वजह से हो रहा है, पर भूलने के कई संभव कारण हैं. जैसे कि, अवसाद या अन्य वजह से बातों पर पूरी तरह ध्यान न दे पाना भूलने का एक आम कारण है.
डिमेंशिया का “भूलना” सदमे से हुए अम्नीसिया (स्मृतिलोप/ शब्दस्मृतिभ्रंश) जैसा नहीं है: Dementia should not be confused with films centering around accidents and amnesia) याददाश्त की समस्या डिमेंशिया का एक लक्षण जरूर है, पर इसको ऐसी स्थिति से नहीं कन्फ्यूज़ करें जैसे कि जब किसी एक्सीडेंट या किसी अन्य सदमे की वजह से कोई व्यक्ति पुरानी बातें भूल जाते हैं. कुछ फिल्मों में हमने ऐसे स्मृति-लोप का चित्रण देखा हो, जैसे कि श्रीदेवी की पुरानी फिल्म सदमा और आमिर खान की फिल्म गजनी–ये फिल्में डिमेंशिया के चित्रण नहीं हैं. पर अगर लोग सोचें कि डिमेंशिया एक “भूलने की बीमारी” है, तो कन्फ्यूज़ होना स्वाभाविक है.
डिमेंशिया का “भूलना” उम्र के साथ होने वाले सामान्य भूलने के किस्सों जैसा नहीं है: (Dementia memory problems are not the same as memory decline seen in healthy seniors) कुछ भूलना तो सबके साथ लगा रहता है, और यह उम्र के साथ बढ़ता भी है. पर हरेक भूलने की घटना को डिमेंशिया का भूलना समझना गलत है. डिमेंशिया में भूलना कुछ अलग प्रकार का होता है.
तो हाँ, यह सच है कि भूलना डिमेंशिया के लक्षणों में से एक अहम लक्षण है, पर कोई व्यक्ति कुछ भूले, इसका यह मतलब नहीं कि उन्हें डिमेंशिया ही है. और न ही हम कह सकते हैं कि अगर व्यक्ति की याददाश्त सही सलामत है, तो उन्हें डिमेंशिया नहीं है. “भूलने की बीमारी” का लेबल हमें भ्रमित कर सकता है, और हम सही समय पर डॉक्टर की सलाह लेने में झिझक सकते हैं. अच्छा यह होगा कि हम “भूलने” पर फोकस करने की बजाय ये देखें कि क्या व्यक्ति के सोचने-समझने में और काम करने में कुछ प्रॉब्लम हो रही है–हमें समस्त लक्षणों के प्रति सतर्क रहना होगा, सिर्फ याददाश्त पर नहीं.
लक्षणों पर चर्चा आप मेरे वेबसाइट के इस पृष्ठ पर देख सकते हैं: डिमेंशिया क्या है.